1
रामू सरपंच भइल बाड़े, ई गउगा जब घर घर भइले
एक दिन के बात बताइले, बीलर उनका घर पर गइले
कहले - काका जै राम राम, त्र्प्रब मनमे बड़ा उछाह भइल
त्र्प्रबले त्र्प्रथाह में रहल देस, त्र्प्रब त्र्प्राके पूरा थाह भइल
2
सुनली हां राम राज त्र्प्राइल, त्र्प्रब ना कवनो परपंच रही
गवई के सरग बनावे के, त्र्प्रब गांव गांव सरपंच रही
त्र्प्रब सभकेहू भाई भाई, ना ऊँच नीच के भेद रही
घर घर पुरान, घर घर कुरान, घर घर बाइबिल त्र्प्रा वेद रही
3
लरिका सभ छऊकि खइहे, कोतका बनिके घूमत फिरिहे
होइहे त्र्प्रटड, पढिहे लिखिहे, बघरूदल त्र्प्रस झूमत फिरिहे
घरनी घर ठुमुकि ठुमुकि चलिहे बरी बारा डोमल करिहे
घरे गइला पर बिहंसी बिहंसी बस नयन बान नोभल करिहे
4
होइहे जवान सभ लाल लाल, जइसे हो तांबा के पइसा
मांस चढ़ी जब गरदन पर, हो जइसे भादो के भइंसा
बुढाबो बुढिया रोत्र्प्रा झरिहे, हरीत्र्प्रर हाइहे, तरना जइसे
मुसूकइहे, गुदरावन दरी, भाकुर त्र्प्रइसन मकुना जइसे
5
त्र्प्रब दूध दही के नदी बही, त्र्प्रोकरे में खूब नहाइबिजा
तरी माठा के के पूछी ? खाली सहीए नू खाइबि जां
एगो नन्ही मुटीके ममिला लेके हम त्र्प्रइली हाँ का का
लेखपलवे नू जहूँ त्र्प्रवले बा, ना तS त्र्प्रोह ममिला में का बा
6
छबरी पर का छव बिगहा पर , ऊ छकन से कुछ ले दे के
उनही के नाव चढ़वले बा, ऊ धइले बाड़े पुरुजी ले के
कहत बाड़े जे ए बिलर कबहूँ जो खेतवा पर जइबड
तS लात मूक पनहो थपरा त्र्प्रा ऊपर से हूरा पइबS
7
जनते बाबS तू पुरुए नू, बाबू के गंगा लाभ भइल
घर भर का मूंह जाब लगल, जब घर के सूखिये नाम गइल
तोहरे त्र्प्रलम्म त्र्प्रब बा काका ! लेखपलवा पूरा बहकत बा
जस जस करत चिरउरी बानी, तस तस त्र्प्रवरी सहकत बा
8
देखS ना एकर सरारत ई, लेखापाली राज चलवले बा
त्र्प्रा परम पूज्य गाँधी जी के, सुंदर उपदेश भूलवले बा
लेखापलवा के डांटS कही दS लेखपलऊ राम समुझलS नू
घुसखोरी इंहवा ना चली ई राम राज हS बूझलS नू ? ऐ ?
9
रामू कहले मंगरू भाई से, हमरा पूरा साथ रहे
दूनो के दूनो देह रहे, एके हियरा त्र्प्रा माथ रहे
त्र्प्रइसन त्र्प्रइसन कुल्हि ममिला तS हम चिटुकी में फरीत्र्प्राइले
एहो से जबार में नू रामू सरपंच कहाइले
10
हेमे हेमे हई कहीहS, होम होम हऊ कहीहS
त्र्प्रा - हई पइन्ट जब ऊठेतS, कोइरी देवता त्र्प्रस चुप रहिहS
सचकी बतिया का सुनसुन पर गांव से कपार टोए लगीहS
झुठ्ली बतिया उटकरला पर, तूं भोकरी भोकरी रोए लगीहS
11
पहिले तS हम पंचाइल में, तोहरे के कुपदी ठहराइबि
पाछे बस त्र्प्रउंजा गउंजा के, तोहरा के सुरहा बनवाइबि
ममिला तS फरीत्र्प्रइली बा, बीलर !जनले रहीहS तोहार
बाक़ी का तोहसे बतलाई, धोती फाटली बाटे हमार
12
दिहले, लोह्ल नू दुनिया हS, दिहले लिहले ना घबडइली
गवे गवे दीहल कइली, रसे, रसे लीहल कइली
लेखपलवा से तS कही देबी जे हेयर त्र्प्रापन सही दS
तूं हूँ कुछ ख्याल करS बीलर ! दस दिन तनी रूहीगर दही दS
13
पंचे नू परमेसर हS, हS, ईसर त्र्प्राल्ला हSएकर नाम
एकरा के कइल करS हरदम उठी राम, राम, झुकी झुकी सलाम
हम जंहवा चहूँपी, तंहवाँ तूं लमहर पाटी दS
त्र्प्रपने भूइंया बइसल सीखS, हमरा के ऊँचकी खाटी दS
14
ईसर खातिर गिरिजा चाही, मसजिद चाही, मदिर चाही
पंखाके चंबर रूमाली के हांकल बतास झिर झिर चाही
चढ़े खातिर मोटर चाही, उड़े खातिर उडनी जहाज
तबे नू देखबि घूमी घूमी, कइसन होता ई राम राज
15
हमनी खातिर कोठी चाही, तोहरा खातिर झोपरी बाटे
सभ राज नीति तूं बूझबS का ? चौपट तोहार खोपड़ी बाटे
तूं रघुपति राघव जपल करS, सिरी बीलर राम समुझलS नू
ई पंचराज, सरपंचराज ह, रामराज हS बूझलS नू ! ऐ !
राम राज के कवन त्र्प्ररथ हS, ईहे त्र्प्राजु बुझउत्र्प्रलि बा
एही से बीलर रामू से मचली त्र्प्रजब त्र्प्रझुरउत्र्प्रलि बा
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