नव जुग निरमान देखिलS
1
जिन्ही कुटूरावत रहलन त्र्प्रलूत्र्प्रा
त्र्प्रब काटत बाडन लिचुई हलूत्र्प्रा
गडी छोहाड़ा किसमिस से,
त्र्प्रब होखत बा जलपान देखिलS
नवजुग के निरमान देखिलS
2
जबे मिलसु खूबे बतीत्र्प्रावसु
खूब फुसिलावसु खूब घतीत्र्प्रावसु
त्र्प्रब सोझा परला पर जइसे
ना जाने पहिचान देखिलS
नव जुग के निरमान देखिलS
3
तब तS मुठिया मांगत फिरले
हाथ जोरी के दन्त चित्र्प्ररले
त्र्प्रब पाछा पाछा दस कूकूर
लेके चलत उतान देखिलS
नवजुग के निरमान देखिलS
4
पढल लिखत चूल्ही में गइले
त्र्प्रसली सनद सिपारिस भइले
पढू त्र्प्रा सभ फूटहा फांसत बा,
गदहा कचरत पान देखिलS
नवजुग के निरमान देखिलS
5
त्र्प्रन्न खाइ जनता त्र्प्रगराइली
वस्त्र पहिरी के खूब घघाइली
जेह किसान के पीठी ठोकाइली
निकसत त्र्प्रोकर पिसान देखिलS
नवजुग के निरमान देखिलS
6
झुट्ठा सदा नरक में जाला
झुट्ठा के ना जग पतित्र्प्राला
एह जुग में जे जेतने झुट्ठा,
त्र्प्रोतने बड़ा महान देखिलS
नवजुग के निरमान देखिलS
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