Monday, November 23, 2020

सरग सुख

बात के जे धनी रहे, धनी त्र्प्रान बान के जे 
बूझे टन तिनका त्र्प्रा साहस बढ़ावेला 
मुसकिल करेला त्र्प्रासान नित हंसी हंसी, 
रगरी रगरी राह चिकन बनावेला 
लिखी देला जीवनS के नया इतिहास एगो 
मनके ना छोटS दिलS खोटS ना बनाबेला 
नोकS पर हंसी तरुत्र्प्रारि का जे बढ़ीजाला 
हरदम हरिके जे हठी के हराबेला 

रहेला तेत्र्प्रार सदा पर उपकार बदे
जीवन में जग मग जोति जे जगाबेला 
यह जगS प्रभुरूपS सेवक एकर हमS
होखे नाही त्र्प्रालसी चरन चित लावेल 
निसिदिनS 'राम का विचार' त्र्प्रस भावS राखे 
तबे नू ऊ जीत्र्प्रते सरग सुख पावेला 

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