Monday, November 23, 2020

दीया - दीत्र्प्ररी

दीया दीत्र्प्ररी  तूं फेरु त्र्प्रइलू 
हमरा लेखे भारी भइलू 

लरिका घर मांगत टूइंया बा 
छरिका के लाटत भूइंया  बा 
जब जब घरे चहुंपंत बानी, 
लटकावत  मुंह जस कुइंया बा 
घरहूँ त्र्प्राइल गइल छूटल 
चढ़ते जाड़ा ई हो कइलू 
दीया दोत्र्प्ररी तूं फेरु त्र्प्रइलू 
हमरा लेखे भारी भइलू 

तिरिया हमके झंपिलावति बा 
गहना खातिर मुंह बावति बा 
गहना जे बंहिक घइ  दिलही
त्र्प्रोकरे खातिर नकूत्र्प्रावति बा 
त्र्प्रब केकरा घरे सेन्ही मारी ? 
जब तूं हूँ त्र्प्रमवसे के त्र्प्रइलू 
दीया दीत्र्प्ररी तूं फेरू त्र्प्रइलू 
हमरा लेखे भारी भइलू 

केतनो भभकS सभ करिये बा 
पेनी तर उगल त्र्प्रन्हरिये बा 
लेखे जोखे थाहे बाटे, 
लरिका सभ बूडत  त्र्प्ररिये बा 
जनली तूं कुछ त्र्प्रंजोर करबू, 
तूं हूँ सूपनेखीए बनी त्र्प्रइलू 
दीया दीत्र्प्ररी तूं फेरू त्र्प्रइलू 
हमरा लेखे भारी भइलू 

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