भतीजा
कइसन जमाना ई त्र्प्राइल विधाता
1
काका हो ! सुनS तानी त्र्प्राइल चकबंदी
गांवे गांवे फइली त्र्प्रब जुग फरफंदी
गांव भरी के खेत सभ एक में सउनाई
फेरु सेनी उहे बनरबाँट कइल जाई
एकरा बिना कवन काम बिगरल जाता
झूठो के एकरा में पइसा झोंकता
हमरा तS एकरा में गड़बड देखाता
देखS तानी कुइया में भांगे घोराता
कइसन जमाना ई त्र्प्राइल विधाता
2
लेके कोड़ार कते उसर दित्र्प्राई
एही में त्र्प्रापसर जी चपिहे मलाई
भीट दिहल जाई तS गडही लिखाई
साही लित्र्प्राई किंकोरी बंटाई
सोझिया का मुंहवा के कूकुर नू चाटी
बड़े बड़े लोग एमे चानी नू काटी
एह तरे झगरा के बीये बोत्र्प्राता
देखS तानी कुइया में भागे घोराता
कइसन जमाना ई त्र्प्राइल विधाता !
3
उपर से हमनी से खरचो लित्र्प्राई
त्र्प्रोही में सज से तS होखी मुंडाई
दस बिगहा लेके तS नवे दित्र्प्राई
सडक त्र्प्रा छवरि त्र्प्रा रास्ता कटाई
एही में तेजे तS कंइची भिड़ाई
सज सेनी लोगन के चिरुकी नपाई
मुत्र्प्राला पर छाती पर कोदो दराता
देखS तानी कुइंयां में भांगे घोराता
कइसन जमाना ई त्र्प्राइल विधाता
4
बड़े बड़े नेता जी लोग बजरत बा
साभा सोसाइटी में रोज गजरत बा
एकरा से बाटे तS बहुते बुराई
काम चकबंदी के बंद करS भाई
चिरई के जीव जाता लरिका खेलवना
ना जाने जोम में मातल बाड़े कवना
बाकी ई राजे नबाबो बुझाता
देखS तानी कुइंयां में भागे घोराता
कइसन जमाना ई त्र्प्राइल विधाता
काका
त्र्प्रइसन जमाना ई त्र्प्राइल विधाता
लरिकन का कुल्हि बात उलिटे बुझाता
1
चारू त्र्प्रोरि खेतवा परल छितराइल
कठिन त्र्प्रगोरल त्र्प्रा जोतल बोत्र्प्राइल
एक लगे रही तS होई त्र्प्रासानी
जोते में, बोए में, पटवे में पानी
एह तरे खेत के उपज बढ़ी जाई
डेढा ना होई तS होई सवाई
एही से बबुत्र्प्रा त्र्प्राइली चकबंदा
उपजी त्र्प्रनाज तब हो जाई मंदी
जुग जुग के जहुत्र्प्रा जाह फरित्र्प्राता
लरिकन का कुल्हि बात उलिटे बुझाता
2
नोमन त्र्प्रा बाउर के कीमत लगा के
खेत फिरत्र्प्रइहे सS खूब ठीकिया के
रही कमेटी ऊ बात फरी त्र्प्राई
केहू के होखे ना पाई बुराई
सोझिया के त्र्प्राजु ले दबावल जे घांटी
पबलिक से त्र्प्रफसर से कहाँ ले त्र्प्रंटी
3
चरि त्र्प्राना एकड़ से कमें लित्र्प्राता
त्र्प्रोकरे में नकसा त्र्प्रा कागद दित्र्प्राता
ढेर खेत वाला से त्र्प्रधिका लित्र्प्राता
त्र्प्रोकरा के ढेरे जे नकसा दित्र्प्राता
साइकिल उलटी जाले कांट गढ़ी जाला
डडरा पर बइठल लोग चिचित्र्प्राता
त्र्प्रांवे के जाये के सडक जरूरी
ठहरी, छवर बिना बा मजबूरी
एही से तS चकरोड़ो दित्र्प्राता
लरिकन का कुल्हि बात उलिटे बुझाता
4
बड़े बड़े नेता के बड बात भाई
त्र्प्रांखी तनी खोलS तS त्र्प्रपने बुझाई
बाटे बऊरहवन के भंइस बित्र्प्राइल
दूहे के नेता जी बाड़े छछाइल
गर फारि फारि खूबे चिंचीत्र्प्राता
साभा, सोसाइटी में गारी दित्र्प्राता
त्र्प्रगिला इलेक्शन के गोटी बिछाता
लरिकन का कुल्हि बात उलिटे बुझाता
भतीजा
काका हो, हाली करावट चकबंदी
जल्दी से होखे त्र्प्रानाजन के मंदी
खइला बिना मोरि काया छाछाता
पढला पर त्र्प्रच्छरि त बाघे बुझाता
खाइबि तS मन देके पढ़बि, मोटाइबि
तबे नू भारत का हम काम त्र्प्राइबि
काम चकबंदी के नीमन बुझाता
भारत के नोक दिन भेजS विधाता
अनुभव
तबले चकबंदी के फिरि गइल खोरहा
चाचा भतीजा के झोली दिललसि होरहा
काका ढहल बाड़े दुत्र्प्ररा मुंह बा के
घूमसु भतीजा त्र्प्रब पाटी बना के
चाचा भतीजा के फिरि गइल मलपट
जनता के सजसेनी छूटी गइल छरपट
महंगी का मारे तS साँस फूलल जाता
कइसन जमाना ई त्र्प्राइल विधाता
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