Monday, November 23, 2020

Bhojpuri-Kavita - राजेंद्र बाबू से

भारत के पूतS त्र्प्रा सपूत भोजपुर के तूँ 

सांती के स्वरूप त्र्प्रा त्र्प्राकूत बलवाला तूँ 

मूरति पवित्रता के गांधी जी के सूरति तूँ, 

पापिन का सामने गजेन्द्र मतवाला तूँ 

राजन के इन्द्र तूँ राजेन्द्र बाबू हमनों के 

माता जी का मंदिलS के दीपकS उजाला तूँ

लाख बरिसS जीत्र्प्रS त्र्प्रमृतS के घूँघट पीत्र्प्रS

पांडे जी का उरS के त्र्प्रासीस  के लS माला तूँ 

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