Monday, November 23, 2020

का कहीं कुछऊ कहाते नइखे

का कहीं कुछऊ कहाते नइखे 
            कहला बिना रहाते नइखे ।

जब से राज भइल ई आपन 
भइल लोग का आपन आपन।
राजनीति का भइलि देस के 
जइसन भंडू अप के  भंडू  आपन ।
उटकरलो  टकटोरलो पर 
एकर कुछु ओह भेटाते नइखे 
कहला बिना रहाते नइखे ।।

भीतर अबहीं बा परदेसी 
ऊपर ऊपर चिकन दरेसी।
अइसन रंग भइल बाटे जस 
बोल बिलायती कुतिया देसी।
ऊ विदेस के कोट देस का 
तन में ठीक समाते नइखे 
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे 
कहला बिना रहाते नइखे ।

3
खाइ अमेरिकन मकई पोढ़ा, 
देहि मोटा के भइली लोढ़ा।
जब हम काउडा बइथत बानो, 
ले टूटल विठाई  के मोढा ।
अएनक  में मुंह देखला पर, 
बनमानुखो नियर बुझाने नइखे।
का कही कछऊ कहाते नइखे।
कहला बिना रहाते नइखे ।।

धुलल खजूर खाइ ईरानी, 
ऊपर से जब पिअली पानी।
बाढूगा झुरकट झूलल देहि पर, 
फेरु से झकलसी नई जवानी ।
धरनी रोज कहेले साखियन से 
बलमा मोर चिन्हाते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे ।
कहला बिना रहाते  नइखे 

उई पुलिस उहे, पटवारी, 
चोरी, घूसखोरी बटमारी ।
सुरसा मुंह अस बढ़लि जाति बा, 
रोज रोज अब चोरबाजी ।
लोग कहत बा रामराज हS,
हमरे बुला चिन्हाते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे 
कहला बिना रहाते नइखे ।।

मोटका अवरी मोट हो गइले 
दूबरा किंकुरी निखत्तर गइले ।
रोज रोज रेडियो चिंचीआता
ई भारत अब हरिअर भइले 
बढल टिकस के भार जात बा,
मजगरि साँस लिआते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे ।
कहला बिना रहाते नइखे ।।

ई कुल्हि काहें बा बरबादी।
अन्न घटल बढी गइली आबादी ।
लरिका होखल रोकS यारे ।
ई उपाई बा सीधा सादी ।
सिच्छा दे नेहरु जी थकले ।
लरिका भइल रोकाते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे ।
कहला बिना रहाते नइखे ।।

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