का कहीं कुछऊ कहाते नइखे
कहला बिना रहाते नइखे ।
1
जब से राज भइल ई आपन
भइल लोग का आपन आपन।
राजनीति का भइलि देस के
जइसन भंडू अप के भंडू आपन ।
उटकरलो टकटोरलो पर
एकर कुछु ओह भेटाते नइखे
कहला बिना रहाते नइखे ।।
2
भीतर अबहीं बा परदेसी
ऊपर ऊपर चिकन दरेसी।
अइसन रंग भइल बाटे जस
बोल बिलायती कुतिया देसी।
ऊ विदेस के कोट देस का
तन में ठीक समाते नइखे
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे
कहला बिना रहाते नइखे ।
3
खाइ अमेरिकन मकई पोढ़ा,
देहि मोटा के भइली लोढ़ा।
जब हम काउडा बइथत बानो,
ले टूटल विठाई के मोढा ।
अएनक में मुंह देखला पर,
बनमानुखो नियर बुझाने नइखे।
का कही कछऊ कहाते नइखे।
कहला बिना रहाते नइखे ।।
4
धुलल खजूर खाइ ईरानी,
ऊपर से जब पिअली पानी।
बाढूगा झुरकट झूलल देहि पर,
फेरु से झकलसी नई जवानी ।
धरनी रोज कहेले साखियन से
बलमा मोर चिन्हाते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे ।
कहला बिना रहाते नइखे
5
उई पुलिस उहे, पटवारी,
चोरी, घूसखोरी बटमारी ।
सुरसा मुंह अस बढ़लि जाति बा,
रोज रोज अब चोरबाजी ।
लोग कहत बा रामराज हS,
हमरे बुला चिन्हाते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे
कहला बिना रहाते नइखे ।।
6
मोटका अवरी मोट हो गइले
दूबरा किंकुरी निखत्तर गइले ।
रोज रोज रेडियो चिंचीआता
ई भारत अब हरिअर भइले
बढल टिकस के भार जात बा,
मजगरि साँस लिआते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे ।
कहला बिना रहाते नइखे ।।
7
ई कुल्हि काहें बा बरबादी।
अन्न घटल बढी गइली आबादी ।
लरिका होखल रोकS यारे ।
ई उपाई बा सीधा सादी ।
सिच्छा दे नेहरु जी थकले ।
लरिका भइल रोकाते नइखे ।
का कहीं कुछऊ कहाते नइखे ।
कहला बिना रहाते नइखे ।।
No comments:
Post a Comment