1
पतई के बा नाइ, छेरी बा बनल खेवइ आ ।
चांमे का बेर्ही, आजु कुकुर रखवइआ ।
हंसूआ का मांडोंमे, जस खुरूपाके गीति उठलिया।
होत ऊंट के ब्याह, गदह जी बनल गबइया ।।
2
मुसरी के बा गेंहू मिलल कुटूरावति बाटे।
पाड़ी के बा मटर मिलल, पुटुरावति बाटे ।
जनता का छाती पर कूटल चिउरा ।
यारन के टोली, मुकरावति बाटे ।।
3
बनरा के अंगुरी, नारियल चमकावती बाटे ।
सुअरी के नकिया बुलाक झमकावति बाटे ।
आजु सेन्ही पर बइसल, चोरन के दल ।
आडिची आडिची के, बिरहा गावत बाटे ।
4
जन जीवन जइसे बालू के भीति भइल ब।
परदेशी का प्रीति अर , निआपुस के रीति भइल बा ।
अइसन अइसन काम, आंखी से लउकत,
कुल्हि बतिये में, कुछ अनरीति भइल बा । ।
5
जे बघुआता ओके मनावलजाता ।
जे तरताना ऊ सुहुरावल जाता ।
हाथ जोरिके जे मांगल बा हक पद,
ओके बम्हने के खेत देखावल जाता । ।
6
गंछे कटहर ओठे तेल लगावलजाता
खेते ऊख न देत घरे भेली तउलावलजाता ।
रामविचार कहे जो, सचकी बतिया
मुंह गभुआवलजाता, आंखी देखावल जाता ।।
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