Monday, November 23, 2020

पंचबर्षीय - योजना

हे प्रभु जी दस बेटा दे दS

जे उत्र्प्रा त्र्प्रा वरिसायन देके, पांच बरिस में पूरा कS दS। टेक 



एगो के हम चीन बित्र्प्रहिती 
एगो के जापान बित्र्प्रहिती
एगो के हम रूस बित्र्प्रहिती 
एगो के ईरान बित्र्प्रहिती 
एगो के इटली फरांस 
त्र्प्रा एगो के इंग्लेंड बित्र्प्रहिती 
एगो के पोलेंड बित्र्प्रहिती 
एगो निउली लैंड बित्र्प्रहिती 
एगो के हम मिस्त्र बित्र्प्रहिती 
एगो के दक्षिणी अफ्रीका 
एगो के उत्तरी अफ्रीका 
एगो के उत्तरी अमेरिका 
एगो दक्षिणी अमेरिका 
एगो स्कीमो के कनियां
बरफ पालकी बीच मंगइती 
त्र्प्रोकरा खातिर बलिया में 
हम एगो बरफ महल बनवइती



ई केहू से ना संपरी, प्रभु एकर भार हमरे के दे दS

हे प्रभु जो दस बेटा दे दS


जेऊँत्र्प्रां त्र्प्रा बरिसायन देके पांच बरिस में पूरा कS दS



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दस देसन के दस पतोहि जब,
हमरा त्र्प्रंगना  में त्र्प्रा जइती
दस रकम बोली बोलती, 
दस रकम के गहना झमकइती 
समित त्र्प्रोर निरामिस भोजन, 
बीस रकम जेवनार बनइती
बीस बेरी तनी नून चिखइती, 
बीस बेरी भोजन करवइती
छ्वो रस त्र्प्रा छप्पन व्यंजन, 
देखि देखि ई त्र्प्रांखि जुड़इती
बलिया के ई देहि सतुत्र्प्रही, 
एक बेरी तनी खाइ त्र्प्रघइती
एक जानी रेस्पेक्टेड पापा, 
कहि कहि के हमके गोहरइती, 
एक जानी तनी पान खित्र्प्रइती, 
एक जानी तनी लवंग ले त्र्प्रइत
जनम जनम से इहे भूखी बा 
हे प्रभु जी तूं पूरा कS दS
हे प्रभु जी दस बेटा दे दS
जेऊँत्र्प्रां त्र्प्रा बरिसायन देके 
पांच बरिस में पूरा कS दS



कुल्ही मिनिस्टर समधी होइते 
मिनिस्टराइन समधिन मतवाली
एम्. एल. ए. कुल्हि सार कहइते 
उनकर बहिना होइती साली
लरिका हमार जीजा कहलइते 
उनकर मस्ती चाल निराली
हम पांडे बाबा कहलइती 
हमरा मुंह पर रहिति लाली
लाल, पित्र्प्रर, उजर, करीत्र्प्रा मिली 
नाती सभ चितकवर होइते 
दुनिया भरिके लोग दाउरि के 
उन्होंने के दामाद बनइते
एह प्रकार सगरे दुनिया में 
भारत के हिताई हो जाइत
काहे के केहू करित लड़ाई 
काहे के थोबर लटकाइत 
ई ना केहू कहे पाइत कि
पांडे जी कुछु काम ना त्र्प्रइले 
विश्वबंधुताके नारा 
नेहरु जी चिंचीत्र्प्राते रहि गइले 
नेहरु जी के हुकुम रहित
त्र्प्रा भारत के इज्जति बढी जाइत
बलियो के कुछ नाव रहित
पांडे जी के तS सभ जस गाइन 
हे भक्तन सुधि लेने वाला
इचिकी हमार सुधि लेलS
हे प्रभु जी दस बेटा देदS
जेऊँत्र्प्रा त्र्प्रा बरिसायन देके 
पांच बरिस में पूरा कS दS
दस हितइन में दस महीना 
घूमी घूमी हम खूब बितइती
किसिम किसिम के तोहफा पइती
रकम रकम के नेग ले त्र्प्रइती
दूगो महीना बंचित तS
त्र्प्रोहू के कुछ बेवन्त बइठइती
दूगो  महीना भक्ति भाव से 
जाके कासी धाम बितइती
विश्वनाथ के दरसन करिती
दूनो बेरा गंग नहइती
कुंडी में सोटा से रगरल 
चारू बेरा भंग उड़इती
स्वर्ग लोक में जाइंता तS
हम जाके  त्र्प्रापन रंग जमइती 
चित्रगुप्त से परिचय करिती
झट त्र्प्रापन त्र्प्राडिट करवइती 
विश्वनाथ का महिमा से तS
कुल्हि पाप डेबिट हो जाइत
गंग भंग के रंग चढ़ीत तS
कुल्हि पुन्नी क्रेडिट हो जाइत
हमरा खातिर सभ लोकन में 
एक एक गो तब सीट रखाइत 
चंद्रलोक में चाह चलित 
त्र्प्रा देव लोक में खाना खाइती
सांझी के नास्ता पितृलोक में 
राति त्र्प्राप्सरा  लोक बितइती 
वृन्दावन में रास रचइया 
झट दे तू हमार सुधि ले लS
हे प्रभु जो दस बेटा दे दS
जेऊँत्र्प्रा त्र्प्रा बरिसायन देके 
पांच बरिस में पूरा कS दS

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