चली जां त्र्प्रजू देस के जगाई जां बचाई जा
1
त्र्प्रस पिघल कि देस ई उदास त्र्प्राजु हो गइल
त्र्प्रस चलूस कि देस के हुलास त्र्प्राजु खो गइल
त्र्प्रस गिरल की देस के विनास त्र्प्राजु हो गइल
सांति ना मिली बुला हतास त्र्प्राजु हो गइल
चली जां व्दार व्दार सांति पाठके पढाई जां
चली जां त्र्प्राजु देस के जगाई जा बचाई जां
2
केहू दु:खी बा देस में बिलास से त्र्प्राभोग से
केहू दु: खी बा भूखि से पित्र्प्रास से त्र्प्रा रोग से
केहू दु:खी बा ईस से केहू दु:खी व लोग से
केहू दु: खी बा देस का बंटाव का वियोग से
बिहान हो गइल बा एह सनेस के सुनाई जां
चली जां त्र्प्राजु देस के जगाई जां बनचाई जां
3
केहू कहत बा देस में सुधर प्रभात हो गइल
केहू कहत बा त्र्प्रउरी ई त्र्प्रान्हार रात हो गइल
केहू का माथ ले बड़ा केहू के लात हो गइल
की मुक्ति ले त्र्प्रधिक मंहंग तS नून भात हो गइल
तुरी जां जाति पांति भेद भाव के हटाई जां
चली जां तत्र्प्राजु देस के जगाई जां बचाई जां
4
त्र्प्रागी उठी रहलिया देह देह प्रान प्रान में
रक्त उठी रहुल बा त्र्प्राजु देस का जवान में
कम्प उठी रहल बा त्र्प्राजु देस देस का घित्र्प्रान में
कटार कांपी कांपी जाति बा सुलत मित्र्प्रान में
विरोध में विनास बा चली जां ई बताई जां
चली जां त्र्प्राजु देस के जगाई जा बचाई जां
5
केहू जमीन छेकी के न देत पांच गांव बा
केहू खड़ा रहो कहाँ ठेकानबा न ठांव बा
केहू के हाड़ मांस सूखल बा की खाँव खाँव बा
केहू बनल त्र्प्रामीर लेत दान के न नाव बा
बांटी चोटी के जीत्र्प्रS जा पठाई पढाई जां
बांटी जा त्र्प्राजु देस के जगाई जां बचाई जां
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