Monday, November 23, 2020

नाग नथइया

नगिन कान्हा के समुझवे काहे त्र्प्रइलS पानी में

1
मानुस हS सूखला के प्रानी, पानी में त्र्प्रउजा जइबS
पानी नाक कान में ढूकी, लरुत्र्प्रइबS लउंजा जइबS
नागराज उठिहे , फुफुकरीहे तन कांपी थहरा जइबS
प्रान परखु उडी जइहे तू, पानी पर छितरा जइबS
त्र्प्राल्हर बाढ़S एही से फंसलS नादानी में
तोहरा त्र्प्रस बालक का चाही रही चुहानी  में
नागिन कान्हा के समुझवे  काहे  त्र्प्रइलS पानी में

2

त्र्प्रागी लगावे त्र्प्राइली हाँ, नागिन सुनिलS हम पानी में
तोहे बतावे त्र्प्रइली हाँ, बाडू तूं केतना पानी में
देखिहS नागराज चिंचीत्र्प्रइले पानी पानी पानी में
त्र्प्राजू नचाइबि हम उनके पानी पित्र्प्राइ के पानी में
सरप जहर से तेज जहर हS चढल जवानी में
हम जानि बुझी के त्र्प्रइली हाँ नाही नादानी में
हम जानि बुझी के त्र्प्रइली हाँ नाही नादानी में
नागिन कान्हा समुझवे काहे त्र्प्रइलS पानी में

के तोहफे समु झवले बा, मानुस सूखले के पानी हS
जल थल भा त्र्प्राकास जहाँ चाहे एकर रजधानी हS
पानी के राजा सागर, कुंभज चिरुत्र्प्र के पानी हS
चऊदह  रतनन के दानो, ऊ तS त्र्प्रापन जजमानी हS
बडवानल से तेज लहरि  हS चढ़ल जवानी में 
हम जानि बूझी के त्र्प्रइली हाँ नाही नादानी में 
नागिन कान्हा के समुझवे काहे त्र्प्रइलS पानी में 

मरद उहे हS जे दुसमन के कबहू पीठी देखावे ना 
बढी के माथ कटालेला, गरदनी के कबे झुकावे ना 
संमुख काल खड़ा लखी के जे दइब दइब गुहरावे ना 
नाक सुघऊत्र्प्रलि  प्रेम मिलन त्र्प्रा घुचूर फुचुर बतीत्र्प्रावे ना 
क्रूर काल के महाकाल नर चढ़ल जवानी में 
हम जानि बूझी के त्र्प्रइली हाँ नाही नादानी में 
नागिन कान्हा के समुझावे काहे त्र्प्रइलS पानी में 

मरद उहे हS जे जम्हू से भी बढ़ी के हाथ मिला लेला 
जे गंजदंत पकड़ी के हुमचेला त्र्प्रा  त्र्प्रोके हिला देला 
बाघ सिंह के पकड़ी पकड़ी सरकस में नाच नचा देखा 
चढल हिमालय पर जाके झंडा त्र्प्रापन फहरा देला 
उंच हिमालय से ऊँचा नर चढल जवानी में 
हम जानि बूझी के त्र्प्राइली हाँ नाही नादानी में 
नागिन कान्हा के समझावे काहे त्र्प्रइलS पानी में 

जो पुरुव के धार रहे तS पश्चिम के पतवार करे 
टूटही  नइया ले ले के नागिन ! भरल समुन्दर पार करे 
जे नई कल्पना रोज करे त्र्प्रा रोज नया संसार करे 
जेकरा त्र्प्रात्याचार दबावेला नर चढल जवानी में 
त्र्प्रात्याचार दबावेला नर चढल जवानी में 
हम जानि बूझी के त्र्प्रइली हाँ नाही नादानी में 
नागिन कान्हा के समुझवे काहे त्र्प्रइलS पानी में 

जो इहवां रहबू नागिन ! तS राधा मोरि नहइहे ना 
ग्वाल बाल गइया मइया जल पीए इंहवा त्र्प्रइहे ना 
जो नर हारल तS एह जग के रच्छक केहू रही जइहे ना 
नर तन में त्र्प्रावे खातिर तब नारायण ललचइहे ना 
नारायण से बड़ा मनुज हS चढल जवानी में 
हम जानि बुझी के त्र्प्रइली हाँ नाही नादानी में 
नागिन कान्हा के समुझवे काहे त्र्प्रइलS पानी में 

गुलबुल गुलबुल बात परली कुछ नाग राज का कानन में 
मानुस की बोली के सुनगुन ऊ पवले त्र्प्रपना मन में 
तुरत क्रोध क्र लच्छन उनुका प्रकट भइल सगरे तन में 
फुफुकरले तS लहरि उठलि पानी का कन कन  में 
कृष्णा चन्द्र करिया हो गइले लहर तूफानी में 
कडमड़ाई तन उठल कि जइसे जम्हू की घानी में 
नागिन कान्हा के समुझावे काहे त्र्प्राइलS पानी में 

राधा के मुखमंडल तवले मनमंडल में त्र्प्रा गइले 
सगरे जहर उतरि गइले त्र्प्रा तन मन खूब जुड़ा गइले 
ताल ठोकी के कान्हा त्र्प्रोह बिखघर का सन मुख त्र्प्रा गइले 
टूटल डांड के डंडा देखते देखत नाग नथा गइले 
बिजुली  ले हS तेज रवानी चढ़ल जवानी में 
हम जानि बुझी  के त्र्प्रइली हाँ नाही नादानी में 
नागिन कान्हा के समुझावे काहे त्र्प्रइलS पानी में 

10 

परल नाक पर टान तSबिखघर जल का ऊपर त्र्प्रा गइले 
फन पर नाचत कान्हा लखि के तीनू लोक चिहा गइले 
ग्व्वल बाल जसुमती राधा का नयनन में जल छा गइले 
त्र्प्राज्ञा भइली कृष्णा के दह तजी काली नाग परा गइले 
नील बदन पानी चमकल काली दह पानी में 
'रामबिचार' टाठ रहू मन त्र्प्रागी में पानी में 
नागिन कान्हा के समुझवे काहे त्र्प्रइलS पानी में 

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